पोषण क्या है ? प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेड, खनिज लवण और विटामिन को समझाईए।
दोस्तों हम सभी को किसी भी प्रकार के कार्य करने के लिए अपने-अपने स्तर पर ऊर्जा (Energy) की जरुरत होती है। चाहे जीव जन्तु हो या मानव हो, सबको जीने के लिए Poshan की आवश्यकता होती ही है। बिना पोषण के हमारी बॉडी किसी काम की नहीं रहेगी। जब हमारी बॉडी में ऊर्जा (Energy) ही नहीं होगी, तो कोई कार्य (Work) हम कैसे कर पाएंगे? क्योकि बिना ऊर्जा के हम कार्य ही नहीं कर पाएंगे।
हर मनुष्य भोजन के रूप में, पोषण (Nutrition) को ग्रहण करते है, यदि कोई जीव शाकाहारी है तो वो पोषण के रूप मे शाकाहारी भोजन ही ग्रहण करेंगे, कोई जीव मांसाहारी है तो वो पोषण के लिए मांसाहारी भोजन ही ग्रहण करेंगे एवं कुछ जानवर हरी घास, हरे पत्ते खाकर और दूसरे जानवरो का शिकार करके अपना पोषण पूरा करते है। जिस प्रकार से मशीनों को पोषण की कमी बिजली से एवं गाड़ियों को पोषण की कमी पेट्रोल-डीजल से पूरी होती है। इसी प्रकार हम सभी किसी न किसी रूप में अपनी जरुरत के अनुसार पोषण की कमी दूर करते है। हम सभी के शरीर के लिए पोषण (Poshan) बहुत जरुरी है पोषण हमारे शरीर में ऊर्जा के अलावा और भी बहुत सी कमियों को दूर करता है। जिसके बारे में हम इस पोस्ट में जानेंगे।
हम यह जानते है की हमारे शरीर को अपने-अपने स्तर पर पोषण की आवश्यकता होती है। हर एक व्यक्ति को अपनी बॉडी के अनुसार पोषण (Poshan) की आवश्यकता होती है। किसी की बॉडी को कम पोषण मिले फिर भी उनका शरीर स्वस्थ एवं तंदुरुस्त रहता है एवं कुछ व्यक्तियों की बॉडी ऐसी रहती है जो अधिक भोजन ग्रहण करने पर भी कमजोर सी लगती है। इन सबका कारण, हमारे शरीर में पोषण (Nutrition) होता है। तो आज के इस पोस्ट में हम, पोषण क्या है (What is Nutrition), पोषण कितने प्रकार के होते है (Types Of Nutrition), पोषण की परिभाषा (Definition Of Nutrition), पोषक तत्व जैसे – कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrate), प्रोटीन (Protein), वसा (Fat), खनिज लवण (Minerals), विटामिन (Vitamin) आदि के बारे में जानेंगे।
What is Nutrition पोषण क्या है ?
पोषण की कमी हमे मानसिक एवं शारीरिक रूप से कमजोर बनाती है। हमारी बॉडी को पोषण की बहोत ज्यादा जरुरत होती है, इसलिए सभी को पोषण (Nutrition) मिलना बहुत जरुरी है। पोषण की कमी हमें मानसिक (Mentally) एवं शारीरिक (Physically) रूप से कमजोर बनाती है। यदि हमें पोषण (poshan) पर्याप्त मात्रा में नहीं मिलता है तो हमारा शारीरिक एवं मानसिक विकास नहीं हो पायेगा। हमारी शरीर की वृद्धि रुक जाएगी, इसलिए हम सभी के लिए पोषण जरुरी होता है।
जो पोषक तत्व मनुष्य द्वारा भोजन से ग्रहण किए जाते है, उस क्रिया को पोषण कहा जाता है। इससे भी सरल भाषा में हम समझे, तो जिस भोजन को हम खाते है और उस भोजन को पचाकर हमारे शरीर को जो ऊर्जा (Energy) एवं शक्ति (Power) मिलती है। जिससे हमारा शरीर स्वस्थ (healthy) रहता है। उसे हम पोषण (Nutrition) कहते है।
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Poshan Ki Paribhasha पोषण की परिभाषा Definition Of Nutrition
कई वैज्ञानिको ने अपने-अपने अनुसार, अलग-अलग प्रकार से पोषण को परिभाषित किया है, जिसमे से कुछ वैज्ञानिको की परिभाषाएँ निम्न प्रकार से है। (Poshan ki Paribhasha)
चैंबर्स डिक्शनरी के अनुसार – पोषक का अर्थ है, एक्ट और प्रोसेस ऑफ़ नरिसिंग (Act and process of nursing) अर्थात भोजन चूषक कार्य अथवा प्रक्रिया जहाँ पर चूसक शब्द का अर्थ है, की भोजन के प्रमुख तत्वों को खींचकर शरीर का एक अंग बनाना।
टर्नर के अनुसार – पोषण शरीर में होने वाली विभिन्न क्रियाओ का एक संगठन है, जिसके द्वारा जीवित प्राणी ऐसे पदार्थों को ग्रहण तथा उपयोग करता है, जो शरीर के विभिन्न कार्यों को नियंत्रित करता है, वृद्धि करता है, तथा शारीरिक टूट-फुट की मरम्मत भी करता है।
सरल शब्दों में कहे तो, पोषण (poshan) हमारे शरीर में होने वाली सभी जरुरी क्रियाओ के लिए ऊर्जा का स्रोत होते है। इसलिए हमारे शरीर को पोषण युक्त भोजन की जरूरत होती है।
पोषण का महत्व क्या है (importance of nutrition)
पोषण की आवश्यकता हमें अलग-अलग कारणों से पड़ती है जैसे – ऊर्जा, शरीर का विकास, दिमाग तेज करना, शरीर को तन्दुरुस्त बनाएं रखना, रोगो से लड़ने में मदद करना, इसके आलावा हमारे खाने में अलग-अलग प्रकार के पोषक तत्व जैसे – कार्बोहाइड्रेड, प्रोटीन, वसा, खनिज लवण और जल होते है। अलग-अलग प्रकार के पोषक तत्वों को अपने भोजन के माध्यम से प्राप्त करना ही पोषण कहलाता है। पोषण (poshan) को संतुलित आहार (balance diet) भी कहते है।
पोषण कितने प्रकार के होते है (Poshan Kitne Prakar Ke Hote Hai)
पोषण (Poshan) दो प्रकार का होता है।
- स्वपोषी पोषण (autotrophic nutrition)
- परपोषी पोषण (heterogeneous nutrition)
स्वपोषी पोषण किसे कहते है ? (swaposhi poshan kise kahte hai) :-
स्वपोषी पोषण (Swaposhi Poshan) वह पोषण होता है, जिसमे जीवधारी अपने भोज्य पदार्थ के लिए किसी अन्य ज़ीव या वनस्पति पर निर्भर नहीं रहते है, इसमें जीवधारी अपना भोजन खुद ही बनाते है अर्थात इस पोषण में उन सभी जीवधारियों को रखा गया है, जो क्लोरोफिल युक्त होते है, क्योकि यह क्लोरोफिल, सूर्य का प्रकाश, जल तथा कार्बनडाइऑक्साइड की सहायता से भोजन (ग्लूकोज़) तथा ऑक्सीजन का उत्पादन करते है। उदाहरण के लिए प्रमुख रूप से हरे पौधे स्वपोषी पोषण प्रदर्शित करते है।
परपोषी पोषण किसे कहते है ? (parposhi kise kahte hai) :-
परपोषी पोषण (Parposhi Poshan) वह पोषण होता है, जिसमे जीवधारी अपने भोजन के लिए अन्य जीवधारियों तथा वनस्पतियो पर निर्भर रहते है। अर्थात इस पोषण में उन सभी जीवो या जीवधारियों को रखा गया है, जिनमे क्लोरोफिल नही होता है।
परपोषी पोषण भी 4 प्रकार के होते है।
- प्राणी समभोजी – इस प्रकार के पोषण में, पोषण के लिए ठोस प्रकार के भोज्य पदार्थ ग्रहण किए जाते है। उदाहरण – अमीबा ,मेढ़क एवं मनुष्य।
- मृतोपजीवी – इस प्रकार के पोषण में, पोषण के लिए जीव सड़े-गले पदार्थो (मृत कार्बनिक पदार्थो) से अपना भोजन ग्रहण करते है। उदाहरण – कवक एवं अधिकतर जीवाणु।
- परजीवी – इस प्रकार के पोषण में, एक जीव दूसरे जीव पर भोजन के लिए पूरी तरह से निर्भर रहता है। उदाहरण – गोलकृमि, मलेरिया परजीवी।
- पादप समभोजी – इस प्रकार के पोषण में जीव को भोजन प्रकाश संश्लेषण विधि द्वारा तैयार किया हुआ प्राप्त होता है।उदाहरण – युग्लीना।
Poshak Tatva Kise Kahte Hai पोषक तत्व किसे कहते है ?
पोषक तत्व ऐसे तत्व होते जो हमारे शरीर को जरुरी पोषण प्रदान करते है, जिनकी मदद से हमारी बॉडी को ऊर्जा (Energy) और शक्ति (Power) मिलती है, उन तत्वों को पोषक तत्वों के नाम से जाना जाता है। पोषक तत्व विभिन्न प्रकार के रासायनिक पदार्थो का संयोजन होता है। जो हमारे शरीर में विभिन्न क्रियाओ के लिए पोषण प्रदान करता है।
Types Of Nutrients पोषक तत्व कितने प्रकार के होते है ?
पोषक तत्व 5 प्रकार के होते है।
- कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrate)
- प्रोटीन (Protein)
- वसा (Fat)
- खनिज लवण (Minerals)
- विटामिन (Vitamin)
(1) कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrate) क्या है ?
कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrate) को शर्करा (शुगर) भी कहा जाता है। इनका स्वाद मीठा होता है। कार्बोहाइड्रेट हमे ग्लूकोज़ के रूप में तुरंत ऊर्जा देता है और ये हमारे शरीर के लिए बहुत जरुरी होता है। कार्बोहाइड्रेट, पॉलीहाइड्रॉक्सी एल्डिहाइड अथवा किटोन होते है, जो C,H एवं O से बने होते है। इनमे C, H एवं O का अनुपात 1:2:1 होता है। कार्बोहाइड्रेट हमारे शरीर का लगभग 1% भाग बनाते है। यह मुख्य पदार्थ है जैसे – ग्लूकोज़, फ्रक्टोज़, (हेक्सोज) ,सुक्रोज (डाइसैकेराइड) या स्टार्च, इन्सुलिन, हेमीसेल्यूलोस (पॉलिसैकेराइड) आदि।
श्वसन के दौरान सर्वप्रथम ग्लूकोज़ ऑक्सीकृत होता है क्योकि यह बहुत अधिक ऊर्जा युक्त होता है। स्तनियों के मस्तिष्क की कोशिकाएँ श्व्सनीय पदार्थ के रूप में केवल ग्लूकोज़ का ही उपयोग करती है। श्वसनीय पदार्थो के रूप में उपयोग होने से पहले जटिल कार्बोहाइड्रेट हेक्सोज शर्करा में जल अपघटित हो जाती है। एक ग्राम कार्बोहाइड्रेट में 4.4 किलो कैलोरी या 18.4 KJ ऊर्जा उपस्थित होती है।
शर्करा अणुओ के आधार पर कार्बोहाइड्रेट को तीन भागो में बाँटा जा सकता है।
- मोनोसैकेराइड्स :– ये केवल एक शर्करा अणु के बने होते है, जैसे -ग्लूकोज़, फ्रक्टोज़।
- ऑलिगोसैकेराइड्स :- ये दो से दस मोनोसैकेराइड्स के बहुलक होते है। मोनोसैकेराइड संख्या के अनुसार इन्हे डाइसैकेराइड, ट्राइसैकेराइड, टेट्रासैकेराइडआदि कहते है। जैसे – सुक्रोज, माल्टोस, लेक्टोस।
- पोलिसैकेराइड्स :- ये बहुत सी मोनोसैकेराइड बन्ध द्वारा जुड़ने से बनते है, जैसे – सेल्युलोस, स्टार्च ,ग्लाइकोजन काइटिन आदि।
कार्बोहाइड्रेट के स्त्रोत :- कार्बोहाइड्रेड आलू, फल, अनाज, शर्करा, रोटी, दूध आदि में पाया जाता है।
कार्बोहाइड्रेट के कार्य :- शरीर को ऊर्जा प्रदान करना, आर्थ्रोपोडा में बाह्य कंकाल का निर्माण करना, पौधो में कोशिका भित्ति का निर्माण करना, आनुवंशिक पदार्थ के निर्माण का कार्य करना।
(2) प्रोटीन (Protein) क्या है ?
प्रोटीन अणुओ का एक जटिल समूह है जो शरीर में सभी जरुरी काम करता है। इस शब्द को बरजिलियस ने दियाथा। ये बाल, नाखून, हड्डियों और माँसपेशियों को बनाता है। प्रोटीन उत्तको और अंगो को उनका आकर देता है, उन्हें उनका काम करने में मदद करता है।
कार्बोहाइड्रेट तथा वसा की अनुपस्थिति में प्रोटीन का उपयोग भी श्वसनीय पदार्थ के रूप में किया जाता है। एक ग्राम प्रोटीन में 4.8 किलो कैलोरी या 20 KJ ऊर्जा उपस्थित होती है। जब प्रोटीन का उपयोग श्व्सनीय पदार्थ के रूप में किया जाता है, तब इसे प्रोटोप्लाज्मिक श्वसन कहते है। प्रोटीन अमीनो अम्लों के बहुलक है ,इनमे लगभग 20 प्रकार के अमीनो अम्ल पाए जाते है। 20 एमिनो अम्लों में से 10 अमीनो अम्लों शरीर की कोशिकाएं स्वयं संश्लेषित कर लेती है, इन्हे अनावश्यक या अतात्विक अमीनो अम्ल कहते है। शेष 10 अमीनो अम्लों को तात्विक या आवश्यक अमीनो अम्ल कहते है।
प्रोटीन के स्त्रोत :- दालें, मछली, अण्डा, पत्तीदार सब्जियाँ, दूध, फल, सोयाबीन, मटर, सेम, पनीर, दही आदि।
प्रोटीन के कार्य :- शरीर की वृद्धि एवं मरम्मत करना, एंजाइम, O2 का परिवहन करना, शरीर की सुरक्षा करना, शरीर को ऊर्जा देना, मांसपेशियों को बनाना, हड्डियों को मजबूती प्रदान करना, इम्यून सिस्टम में मदद करना, फैट बर्न करता है घाव को भरना।
(3) वसा (Fat) क्या है ?
वसा एक कार्बनिक मिश्रण है, जो कार्बन, हाइड्रोजन, और ऑक्सीजन से निर्मित होता है। आहार तत्वों में ये तत्व ऊर्जा के प्रमुख तत्व है। वसा को जिन तत्वों के एक विशिष्ट समूह से सम्बंधित माना जाता है, उन्हें लिपिड्स की संज्ञा दी जाती है। वासा को ठोस व तरल दोनों रूपों में ग्रहण किया जा सकता है। सभी तरह की वसा में संतृप्त और असंतृप्त फैटी एसील का मेल होता है। कुछ परिस्थितियों में (जब संचित कार्बोहाइड्रेट समाप्त हो जाते है) वसा भी ऑक्सीकृत होते है। वसा लाइपेज एंजाइम द्वारा वसीय अम्ल तथा ग्लीसरॉल में जल अपघटन के बाद श्वसनीय पदार्थ के रूप में उपयोग किये जाते है, आगे इनका परिवर्तन हेक्सोज शर्कराओ में होता है। एक ग्राम वसा में 9.8 किलो कैलोरी या 41 KJ ऊर्जा उपस्थित होती है। जो अन्य पदार्थो की तुलना में अधिकतम होती है।
वसा के स्त्रोत :- मुंगफली, नारियल, तिल, घी, मक्खन, मांस, दूध, मछली, क्रीम, अण्डा आदि।
वसा के कार्य :- शरीर में तापमान को नियंत्रित करना, कोमल अंगो की रक्षा करना, कोशिका कला का निर्माण करना आदि।
(4) खनिज लवण (Minerals) क्या है ?
खनिज हमारे जीवन के अति अनिवार्य भागो में से एक होता है। लगभग वो हर चीज जो हम इस्तेमाल करते है चाहे वह कोई छोटी से छोटी चीज हो या बड़ी से बड़ी चीज हो सभी खनिज से मिलकर बना होता है, खनिज कहलाते है। अर्थात ”वह क्रिस्टलीय पदार्थ, जो भौगोलिक परिस्थितियों के परिणामस्वरूप बनते है खनिज कहलाते है”
खनिज एक प्राकृतिक रूप से विद्यमान समरूप तत्व है, जिसकी एक निश्चित आंतरिक संरचना होती है। खनिज प्रकृति में अनेक रूपों में पाया जाता है। जिसमे हिरा सबसे कठोर एवं चुना सबसे नरम होता है। रेलवे लाइन, औजार, मशीन, कार, बस, रेलगाड़िया आदि भी खनिज से ही मिलकर बने होते है तथा पृथ्वी के भूगर्भ से प्राप्त ऊर्जा के संसाधनों द्वारा संचालित होती है। खनिज ऐसे भौतिक पदार्थ होते है जो पथ्वी के भूगर्भ से खोदकर निकले जाते है। जैसे – लोहा, अभ्रक, कोयला, बाक्साइड, नमक, जस्ता, चुना पत्थर आदि। धातु, अधातु एवं उनके लवण, खनिज लवण कहलाते है। ये हमारे शरीर का लगभग 6.1% भाग बनाते है।
खनिज लवण के प्रकार (Types of Minerals) :-
खनिज लवण दो प्रकार के होते है।
- दीर्घ तत्व :- इन तत्वों की शरीर को अधिक मात्रा में आवश्यकता होती है।
- कैल्शियम (Ca) – इसका मुख्य कार्य हड्डियों की रचना करना होता है। यह हमें दूध , पनीर , हरी सब्जियों ,फलियों ,अनाज आदि से प्राप्त होता है।
- फॉस्फोरस (P) – यह भी दांतो और हड्डियों की रचना करता है। यह दूध , मांस , अनाज से मिलता है।
- गन्धक (S) – यह कई एमिनो अम्ल एवं कुछ हार्मोन्स का समूह है। यह अण्डे , माँस , पनीर , मछली , सेम में पाया जाता है
- पोटैशियम (K) – यह अम्ल – क्षार एवं जल का संतुलन बनाने का कार्य करता है। यह माँस , दूध , अनाज , फल , सब्जियाँ आदि में पाया जाता है।
- क्लोरीन (Cl) – यह अम्ल क्षार का संतुलन बनाये रखता है। यह खाने वाले नमक में भरपूर मात्रा में पाया जाता है।
- सोडियम (Na) – यह अम्ल – क्षार एवं जल का संतुलन बनाये रखता है। यह भी खाने वाले नमक में पाया जाता है।
- मैग्नीशियम (Mg) – यह ग्लाइकोलाइसिस तथा ATP पर आश्रित कई उपापचयी अभिक्रियाओं के एंजाइमों का सहघटक है। यह अनाज हरी सब्जियों में पाया जाता है।
- अल्प तत्व :- इन तत्वों की शरीर को बहुत काम मात्रा में आवश्यकता होती है।
- जिंक (Zn) – यह जल का अपघटन करने का कार्य करता है। यह अनाज , दूध , अण्डे , माँस , समुद्री भोजन में पाया जाता है।
- लौह (Fe) -इसमें हीमोग्लोबिन तथा साइटोक्रोम एंजाइम पाया जाता है ,यह माँस , अण्डे , फलियाँ , अनाज , हरी सब्जियों में पाया जाता है।
- फ्लोरीन (F) – यह हड्डियों एवं दांतो की सुरक्षा के लिए आवश्यक होता है , यह पिने वाले जल ,चाय , समुद्री भोजन में पाया जाता है।
- आयोडीन (I) – इसमें थायरॉक्सीन हार्मोन भरपूर मात्रा में पाया जाता है ,यह दूध , समुद्री भोजन , आयोडीन युक्त नमक में पाया जाता है।
खनिज लवण के स्त्रोत :- नमक, पालक, हरी पत्ते वाली सब्जी, सेव फल, सभी प्रकार के भोजन आदि।
खनिज लवण के कार्य :- ऊतकों के निर्माण में, हड्डियों को मजबूत करने में आदि।
(5) विटामिन (Vitamin) क्या होते है ?
विटामिन, Poshan का ही एक भाग है। हमारे शरीर के लिए ऑक्सीजन, पानी, भोजन,वसा, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट सभी जरुरी होता है। वैसे ही कम मात्रा में ही सही, लेकिन विटामिन (Vitamin) भी हमारे शरीर के लिए बहुत जरुरी होता है। आप विटामिन की कमी से बहुत सी बीमारियों का शिकार हो सकते है। विटामिन के बारे में खास बात यह है की, विटामिन हमारा शरीर खुद से नहीं बनाता या बहुत कम मात्रा में बनता है। ऐसे में विटामिन के बाहरी स्रोत (Vitamin ke Strot) लेना हमारे लिए जरुरी है जो भोजन से मिलता है।
विटामिन (Vitamin) को जीवन रक्षक यौगिक भी कहा जाता है। विटामिन ऐसे कार्बनिक यौगिक होते है। जो कम मात्रा में ही सही लेकिन हमारे शरीर के उचित कामकाज के लिए बहुत ही आवश्यक हैं। यह हमारे शरीर के जरुरी कार्यो को करने के लिए बल प्रदान करते है। और हमारे शरीर को सही तरीके से काम करने के लिए मदद करते है। विटामिन का मुख्य स्रोत भोजन होता है। विटामिन हमें भोजन से मिलते है। हमारा शरीर खुद से विटामिन नही बनाता या बहुत ही कम मात्रा में बनता है, तो इनकी कमी हम भोजन से पूरी करते है।
Types of Vitamin विटामिन के प्रकार।
विटामिन्स 13 प्रकार के होते है।
विटामिन | रासायनिक नाम | लक्षण/रोग | स्रोत |
---|---|---|---|
विटामिन A | रेटिनॉल (Retinol) | रतौंधी, संक्रमण का खतरा, जीरोप्येलेमिया | दूध, अण्डा, पनीर, हरी सब्जी, मछली यकृत तेल, मूंगफली, गाजर। |
विटामिन B1 | थायमिन (Thiamine) | बेरी-बेरी | तिली, सूखा मिर्च, दाल, यकृत, यकृत तेल, अण्डा एवं सब्जियां |
विटामिन B2 | राइबोफ्लेविन (Riboflavin) | त्वचा का फटना, जीभ का फटना | हरी सब्जियां, दूध, मांस |
विटामिन B3 | नायसिन (Niacin) | 4D syndrome , pellagra | मूंगफली, हरी सब्जियां, टमाटर |
विटामिन B5 | Pantothenic acid | बाल सफेद होना, मन्द बुद्धि होना | मांस, दूध, मूंगफली, टमाटर |
विटामिन B6 | पायरीडॉक्सिन (Pyridoxine) | एनीमिया | यकृत, यकृत तेल, मांस, अनाज |
विटामिन B7 | बायोटिन (Biotin) | लकवा,बालों का गिरना | दूध, यकृत, यकृत तेल, मांस, अनाज |
विटामिन B9 | Folic acid | एनीमिया | दाल, सब्जियां और अण्डा |
विटामिन B12 | सयनोकोबैल्मिन (Cyanocobalamin) | एनीमिया | दाल, सब्जियां, दूध, मांस |
Vitamin-C | Ascorbic acid | स्कर्वी, मसूढ़ो का फूलना | नींबू, संतरा, टमाटर, सभी खट्टे पदार्थ |
Vitamin-D | Calciferol | रिकेट्स, आॅस्टियों मलेशिया (वयस्क में) | मछली यकृत तेल, दूध, अण्डे |
Vitamin-E | Tocoferol / Ergocalciferol | जनन शक्ति का कम होना | हरी पत्तियां वाली सब्जियां, दूध अनाज |
Vitamin-K | Phylloquinone | रक्त का थक्का न बनना | टमाटर, हरी सब्जियां |
विटामिन के स्त्रोत :- हरी पत्ते वाली सब्जी, मक्खन, दूध, मांस यीस्ट अण्डा आदि।
विटामिन के कार्य :- विभिन्न रोगो से बचाना, आखो की रोशनी कम होने से बचाना, त्वचा सम्बन्धी रोगो से रक्षा कारन आदि।
इस पोस्ट को यदि आपने पूरा पढ़ा है तो विस्तार से जानने को मिला होंगा की पोषण क्या है (What is Nutrition), पोषण कितने प्रकार के होते है (Types Of Nutrition), पोषण की परिभाषा (Definition Of Nutrition), पोषक तत्व जैसे – कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrate), प्रोटीन (Protein), वसा (Fat), खनिज लवण (Minerals), विटामिन (Vitamin) आदि क्या होते है किन-किन चीजों में पाए जाते है।
अब आपको निचे पोषण से जुड़े कुछ प्रश्न दिए जा रहे है। इन्हे हल करे। और निचे कमेंट्स कर के बताये की यह पोस्ट आपको कैसे लगी। और आपके इतने नंबर आये है।
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